हमारे हिन्दु धर्म में पूजा पाठ को बहुत महत्व दिया गया है। इसके लिए भी कई नियम बनाये गए है। हिंदू धर्मग्रंथों में लिखा गया है कि 'हरि अनंत, हरि कथा अनंता'। इस बात के जरिए कण-कण में बसे ईश्वर के स्वरूप व शक्तियों की ही महिमा उजागर की गई है। इसी धर्म आस्था को बल देती है- पीपल पूजा।
इन बातों का रखें ख्याल-
भगवान कृष्ण ने पीपल को स्वयं का स्वरूप बताया है। इसे 'अश्वत्थ' कहकर पुकारा गया है। यही कारण है कि देवमूर्ति की पूजा या मंदिर न जाने की दशा में पीपल पूजा ही दरिद्रता दूर कर सुख, ऐश्वर्य व धन की कामना को पूरी करने वाली मानी गई है। रविवार के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा नही की जाती है। इसके बारें में एक कथा हमारें ग्रंथों में दी गई है। रविवार के दिन पीपल की पूजा करने से घर में द्रदिदता का वास हो जाता है। जिससे आप चाहे जितना भी मेहनत करें, लेकिन आपको हमेसा असफलता ही प्राप्त होगी।
रविवार को नहीं करें पीपल की पूजा-
जिन लोगों का भाग्य साथ नहीं देता उन्हें पीपल में प्रतिदिन जल चढ़ाकर, सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति को भाग्य का साथ अवश्य मिलने लगेगा।