गोरखपुर। लगातार बढ़ते प्रदूषण की समस्या और उसके बारे में सटीक जानकारी के लिए अब पूर्वांचलवासियों के लिए जल्द ऐसा एप आ रहा, जिससे आपको अपने जिले और आसपास के प्रदूषण की सटीक जानकारी मिलेगी। "सफर" (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। यह वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान की सर्वाधिक उन्नत प्रणाली है जिसके जरिये पूर्वांचल के वायुमंडल पर नजर रखी जाएगी। किसानों के लिए भी यह तकनीक वरदान साबित होगी क्योंकि उन्हें मौसम का सटीक पूर्वानुमान मिल सकेगा।
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में ही था यह सिस्टम-
अब तक दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में ही यह मॉनीटरिंग सिस्टम था। अब गोरखपुर देश का पांचवां शहर होगा जहां 'सफर' काम करेगा। प्रोजेक्ट के तहत 83 प्रमुख शहरों में प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आइआइटीएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी) पुणे के वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा 'सफर' परियोजना के निदेशक डा.गुफरान बेग और जिला प्रशासन के बीच एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता के मुताबिक जनवरी के पहले सप्ताह से 'सफर' का मॉनीटरिंग स्टेशन क्रियाशील हो जाएगा। इसके उपकरण पर लगभग चार करोड़ की लागत आएगी। माह के अंत सभी उपकरण आने की उम्मीद है।
तापमान, वर्षा, आद्र्रता व हवा की गति की होगी निगरानी-
पर्यावरण मंत्रालय के मॉडल प्रोजेक्ट 'सफर' के तहत वायु प्रदूषण, तापमान, वर्षा, आद्र्रता, हवा की गति और हवा का दिशा की निगरानी भी की जाती है।इसके माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण और मौसम की आपातकालीन अवस्थाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके जरिये प्रतिदिन यूपी इंडेक्स, पीएम 1, मरक्यूरी एवं ब्लैक कार्बन पर भी नजर रखी जाएगी। ओजोन परत को नुकसान से बचाने के लिए ओजोन एनालाइजर भी लगाया जाएगा। बैरोमीटर, रेनगेज, हाइड्रोथर्मामीटर, विंड स्पीड समेत अन्य उपकरण इस माह के अंत तक आ जाएंगे।
आपदा कार्यालय के ऊपर बनेगा स्टेशन-
'सफर' स्टेशन के लिए जिला प्रशासन 15 फीट लंबा व चौड़ा हाल उपलब्ध कराएगा। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के प्रथम तल को इस उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए सात किलोवाट निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जरूरत होगी। आइआइटीएम पुणे की ओर से एक इंजीनियर की नियुक्ति भी की जाएगी जो प्रतिदिन की रिपोर्ट आइआइटीएम पुणे भेजेंगे। एक तकनीकी स्टाफ जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण भी उपलब्ध कराएगा।
मोबाइल एप बताएगा शहर में प्रदूषण का स्तर-
'सफर' स्टेशन को क्रियाशील करने के बाद आइआइटीएम पुणे जनपदवासियों को मोबाइल एप की सुविधा उपलब्ध कराएगा। इस एप के जरिये लोग शहर में प्रदूषण की स्थिति की जानकारी से हर पल अपडेट रहेंगे। एप में ऑटो वॉयस सिस्टम भी रहेगा, जो हर घंटे प्रदूषण की जानकारी बोलकर देगा।
रिपोर्ट- रंजीत जायसवाल